चुड़ैल की दिवाली

चुड़ैल की दिवाली

Published on: November 4, 2024

दिवाली की रात थी, और पूरे गांव में दीपक जल रहे थे। लोग अपने-अपने घरों में मिठाइयाँ बाँट रहे थे और पटाखे जला रहे थे। लेकिन गांव के कुछ शरारती बच्चों को आज एक अलग ही सोच सूझी।

बच्चा 1: “चलो, इस बार गांव के बाहर वाले पेड़ के पास चलते हैं। सब कहते हैं वहां चुड़ैल रहती है, देखते हैं वो भी दिवाली मनाती है या नहीं!”

बच्चा 2 (डरते हुए): “क्या सच में वहाँ जाना ठीक होगा? सुना है, वो चुड़ैल बहुत खतरनाक है।”

बच्चा 3 (जोश में): “अरे, दिवाली है भाई! चलो, आज तो मज़ा आएगा!”

तीनों बच्चे हिम्मत करके गांव के बाहर वाले पुराने पेड़ की तरफ चले। जब वे वहां पहुँचे तो देखा कि पेड़ के नीचे चारों तरफ दीपक जल रहे हैं, और बीच में सफेद साड़ी पहने चुड़ैल पटाखे जलाने में मस्त थी। उसके हाथों में चकरी घूम रही थी, और वह जोर-जोर से हंस रही थी।

चुड़ैल (हंसते हुए): “वाह, यह दिवाली की रौनक कितनी प्यारी है! देखो, ये चकरी कैसे घूम रही है और रंगीन रौशनी फैला रही है!”

बच्चे उसे देख कर दंग रह गए कि चुड़ैल भी दिवाली मना रही है। धीरे-धीरे उन्होंने उसके पास जाकर बात करने का निश्चय किया।

बच्चा 1 (हिम्मत करते हुए): “चुड़ैल आंटी, क्या हम भी आपके साथ दिवाली मना सकते हैं?”

चुड़ैल (मुस्कुराते हुए): “आओ-आओ, बच्चों! दिवाली सबकी है। आज हम खूब पटाखे चलाएंगे। देखो, मैंने कितने सारे पटाखे इकट्ठा किए हैं!”

चुड़ैल ने बच्चों को चकरी, अनार और फूलझड़ी दी और फिर खुद भी एक बड़ा सा रॉकेट जलाया। जैसे ही रॉकेट फूटा, पूरे आकाश में रंग-बिरंगे फूल छा गए, और बच्चे खुशी से उछल पड़े।

बच्चा 2 (खुश होकर): “वाह! ऐसा रॉकेट मैंने कभी नहीं देखा। क्या ये जादू है?”

चुड़ैल (हंसते हुए): “हाँ, थोड़ा जादू है, और थोड़ा प्यार। दिवाली तो सभी के लिए खुशियाँ लेकर आती है। अब देखो, ये खास पटाखा, जो रंगीन फूल बरसाएगा।”

चुड़ैल ने एक जादुई पटाखा निकाला, जो बिल्कुल अलग था। जैसे ही उसने उसे जलाया, पटाखे से हजारों रंग-बिरंगे फूल आसमान में फैल गए। बच्चे ताली बजाने लगे और जोर-जोर से हंसने लगे।

बच्चा 3: “चुड़ैल आंटी, आप तो बहुत मजेदार हो! क्या हम हर दिवाली आपके साथ ऐसे ही पटाखे चला सकते हैं?”

चुड़ैल (मुस्कुराते हुए): “बिलकुल! दिवाली तो खुशियाँ मनाने का दिन है। आओ, अब सभी साथ में फूलझड़ी जलाते हैं।”

बच्चे और चुड़ैल ने एक साथ फूलझड़ियाँ जलाईं, और चारों ओर चमकदार रौशनी फैल गई। चुड़ैल ने बच्चों के साथ मिलकर ढेर सारे पटाखे जलाए – अनार, चकरी, रॉकेट, हर तरफ धूम-धाम से दिवाली मनाई। चुड़ैल की हंसी और बच्चों की खुशी पूरे वातावरण में गूंज रही थी।

अंत में, जब सारे पटाखे खत्म हो गए और चारों ओर रौशनी की झलक थी, चुड़ैल ने बच्चों को प्यार से देखा और मुस्कुराते हुए बोली:

चुड़ैल: “सबको मेरी तरफ से एक बहुत ही शानदार और खुशहाल दिवाली! हैप्पी दिवाली टू ऑल!”

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