Published on: October 8, 2024
रतनपुर गांव हमेशा से शांत और सरल जीवन के लिए जाना जाता था। लेकिन एक दिन, गांव के नजदीक से गुजरने वाली एक भूतिया बस में कुछ ऐसा हुआ जिसने गांव की तकदीर को हमेशा के लिए बदल दिया। यह चुड़ैल की कहानी उस भयानक दिन से शुरू होती है। वह बस, जो शहर से गांव की ओर जा रही थी, अपने रास्ते पर चलते-चलते एक अजीब जगह पर रुक गई।
कंडक्टर (चिल्लाते हुए): “क्या हुआ? यह भूतिया बस क्यों रुक गई?”
बस ड्राइवर: “पता नहीं, लेकिन डरावनी बस अचानक बंद हो गई। आसपास कुछ भी नजर नहीं आ रहा, सबकुछ अजीब सा है।”
बस के अंदर बैठे यात्री एक अजीब डर महसूस करने लगे। खिड़कियों से बाहर घना अंधेरा छाया हुआ था, जैसे कोई चुड़ैल वहां से गुजरने वाले का इंतजार कर रही हो। और तभी, अचानक बस की खिड़की के बाहर एक नीली चमक दिखने लगी। यह डरावनी हिंदी कहानी यहीं से और भयावह हो गई।
महिला यात्री: “वो… वो क्या है? कोई अजीब सी रोशनी आ रही है!”
पुरुष यात्री: “क्या यह कोई भूतिया जगह है? हमें यहां से जल्दी निकलना चाहिए।”
अभी यह बातचीत चल ही रही थी कि बस के अंदर एक अजीब सी ठंडक महसूस होने लगी। बस के हर कोने से अजीब-अजीब आवाजें आने लगीं। यात्री घबरा गए और अपनी जगहों पर सिकुड़ गए। तभी, बस के अगले हिस्से में एक लंबी, सफेद कपड़ों में लिपटी हुई औरत दिखाई दी। यह डरावनी चुड़ैल थी, जिसकी आंखें नीली चमक रही थीं, और उसकी उपस्थिति ने बस के अंदर के माहौल को पूरी तरह से बदल दिया।
चुड़ैल (धीमी और भयानक आवाज में): “तुम सब अब मेरी कैद में हो।”
ड्राइवर (डर से कांपते हुए): “क…कौन हो तुम? क्या चाहती हो?”
चुड़ैल: “यह बस अब मेरी है। और तुम सब मेरी यात्रियों की सूची में हो।”
बस के सभी यात्रियों को एहसास हुआ कि वे अब एक भयानक स्थिति में फंस गए हैं। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह सफर इतना खतरनाक हो सकता है। यह भूतिया बस की कहानी अब और भी भयावह होती जा रही थी। चुड़ैल ने अपनी नीली आंखों से बस के हर यात्री को घूरा, और बस के अंदर अचानक अजीब घटनाएं होने लगीं।
यात्री 1 (चीखते हुए): “मुझे जाने दो! मैं यहां नहीं रह सकता!”
चुड़ैल: “अब कोई भी यहां से बाहर नहीं जा सकता।”
चुड़ैल ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए बस के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं। हर कोने से धुंआ निकलने लगा, और यात्रियों को ऐसा महसूस हुआ जैसे वे किसी और ही दुनिया में चले गए हों।
चुड़ैल: “तुम सब मेरे मेहमान हो, और मैं तुम्हारे साथ एक खेल खेलने वाली हूं।”
यात्री 2 (डर से कांपते हुए): “क…कौन सा खेल?”
चुड़ैल: “तुम सबके पास अपनी जान बचाने के लिए बहुत कम समय है। जो इस खेल में जीत जाएगा, वह गांव तक पहुंच पाएगा। और जो हार जाएगा… उसकी आत्मा मेरी होगी।”
चुड़ैल ने एक जोरदार ठहाका लगाया, और बस के अंदर अजीब-अजीब दृश्य प्रकट होने लगे। यात्रियों के शरीर भारी होने लगे, उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया, और उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे वे किसी भयानक जाल में फंस गए हों। यह चुड़ैल की कहानी अब गांव की यादों में हमेशा के लिए बसी रह जाएगी।
बस के अंदर एक अजीब खेल शुरू हो गया। चुड़ैल ने एक-एक कर यात्रियों को अपने जादू से अपने वश में करना शुरू किया। कोई यात्री अचानक से गायब हो जाता, तो किसी के चेहरे पर भयानक निशान उभर आते।
चुड़ैल: “मेरा खेल शुरू हो चुका है। अब देखना है कि कौन बच पाता है और कौन नहीं।”
यात्री 3 (रोते हुए): “हमें यहां से निकालो! हम यहां नहीं रह सकते!”
लेकिन चुड़ैल ने किसी की नहीं सुनी। उसने बस को अपनी मर्जी से चलाना शुरू कर दिया और बस सीधे रतनपुर गांव की ओर बढ़ने लगी। यात्रियों को ऐसा महसूस हो रहा था कि वे एक भयानक सपने में फंसे हुए हैं, और इस सपने से निकल पाना नामुमकिन है। डरावनी हिंदी कहानी में अब असली भयानक मोड़ आने वाला था।
बस रतनपुर गांव के पास पहुंच जाती है, और गांव में अजीब घटनाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है। गांववालों को समझ में नहीं आता कि यह सब क्या हो रहा है, लेकिन वे जानते हैं कि कुछ भयानक होने वाला है। सवाल यह है कि गांववाले इस एलियन चुड़ैल के आतंक से कैसे बच पाएंगे? यह रहस्य और भी गहराता जाता है, और चुड़ैल की असली मंशा क्या है, यह जानना अभी बाकी है।
रतनपुर गांव अब उस भूतिया बस के आने के बाद से शांत नहीं रहा। जिस बस में चुड़ैल ने अपना बसेरा बनाया था, वह अब गांव के बीचों-बीच खड़ी थी। गांववालों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है। बस के अंदर से कोई बाहर नहीं निकला, और बस के दरवाजे और खिड़कियां बंद हो चुकी थीं। लेकिन अंदर से लगातार चीखें सुनाई दे रही थीं, जो पूरे गांव में गूंज रही थीं।
गांव का मुखिया: “यह भूतिया बस यहां कैसे आ गई? और अंदर से ये चीखें क्यों आ रही हैं? क्या किसी ने अंदर जाकर देखा?”
गांव का बुजुर्ग: “कोई अंदर नहीं जा सकता। वह बस अब शापित हो चुकी है। जो भी अंदर गया, वह वापस नहीं आया।”
गांव के कुछ लोग डरते हुए बस के पास जाते हैं। वे बस के चारों ओर घूमते हैं, लेकिन अंदर झांकने की हिम्मत किसी में नहीं होती। तभी बस के अंदर से एक भयानक ठहाका गूंजता है, और सभी लोग डर के मारे पीछे हट जाते हैं।
चुड़ैल (बस के अंदर से): “तुम सब यहां से दूर हो जाओ! यह अब मेरी जगह है।”
गांव का युवक: “यह कौन बोल रहा है? और यह भूतिया बस यहां कैसे आ गई?”
बस के अंदर से एक अजीब सी रोशनी निकलती है, और दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं। अंदर का दृश्य देखने लायक था—बस के अंदर हर जगह खून के निशान थे, और सीटों पर बैठे यात्री अब भी वहां जमे हुए थे, लेकिन उनकी आंखों में कोई जान नहीं थी। वे सब जैसे पत्थर बन गए थे।
चुड़ैल अब बस के अंदर से बाहर निकलती है। उसकी नीली आंखें गांववालों को घूरती हैं, और उसकी उपस्थिति ने गांव के हर व्यक्ति के दिल में खौफ पैदा कर दिया है।
चुड़ैल: “यह गांव अब मेरा है। तुम सब मेरी कैद में हो।”
गांव का मुखिया (डर से कांपते हुए): “तुम… तुम कौन हो? और क्या चाहती हो?”
चुड़ैल (हंसते हुए): “मैं तुम्हारी आत्माएं चाहती हूं। यह भूतिया बस मेरे लिए केवल एक माध्यम है। मैं इस गांव की हर आत्मा को अपनी कैद में लेना चाहती हूं।”
चुड़ैल ने अपनी नीली आंखों से गांववालों को घूरा, और उसके साथ ही हवाओं में अजीब सी सिहरन फैल गई। कुछ ही देर में गांव के चारों ओर अजीब घटनाएं होने लगीं—पेड़ अपने आप गिरने लगे, घरों की खिड़कियां और दरवाजे अपने आप बंद होने लगे, और हर जगह से अजीब आवाजें आने लगीं।
चुड़ैल: “यह बस मेरी शुरुआत है। अब देखना, मैं कैसे इस गांव को तबाह करती हूं।”
चुड़ैल ने अपनी भयानक शक्ति का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। गांव के लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन हर बार चुड़ैल उनके सामने आ जाती थी। उसकी उपस्थिति से गांव के लोग धीरे-धीरे बेहोश होने लगे, और उनकी आत्माएं चुड़ैल की तरफ खींची जाने लगीं।
गांव का एक युवक, अजय, अपनी जान बचाने के लिए भागता हुआ एक पुरानी गुफा में छिप गया। उसे पता चला कि यह डरावनी चुड़ैल साधारण भूतिया शक्ति नहीं है, बल्कि एक एलियन है, जो दूसरे ग्रह से आई है और मानवों की आत्माओं को चुराकर अपनी शक्ति को बढ़ा रही है।
अजय (गुफा में खुद से): “यह कोई साधारण चुड़ैल नहीं है। यह किसी और दुनिया से आई हुई है। मुझे इसे रोकने का कोई तरीका ढूंढ़ना होगा।”
अजय को गुफा के अंदर एक पुराना यंत्र मिलता है, जिससे चुड़ैल की शक्ति जुड़ी हुई है। उसे समझ में आता है कि अगर वह इस यंत्र को नष्ट कर देता है, तो चुड़ैल की शक्ति भी खत्म हो जाएगी। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कर पाए, चुड़ैल उसकी तलाश में वहां पहुंच जाती है।
चुड़ैल (गुफा में प्रकट होते हुए): “तुमने मुझे रोकने की हिम्मत कैसे की? अब तुम भी मेरी कैद में हो!”
चुड़ैल ने अपनी नीली आंखों से अजय को जकड़ लिया। उसने अपनी सारी शक्ति से अजय पर हमला किया, लेकिन अजय ने हार मानने से इनकार कर दिया। वह किसी तरह से खुद को छुड़ाकर उस यंत्र की ओर बढ़ता है, लेकिन चुड़ैल ने अपनी शक्ति से उसे जमीन पर गिरा दिया।
अजय (गिरते हुए): “नहीं… मुझे यह यंत्र नष्ट करना होगा!”
चुड़ैल ने अब अजय को भी अपनी कैद में ले लिया है, और उसकी ताकत बढ़ती जा रही है। गांव की स्थिति अब और भी बिगड़ चुकी है। क्या अजय चुड़ैल को रोक पाएगा? या अब गांव का अंत निश्चित है?
रतनपुर गांव में अब अंधेरा छाया हुआ है। गांववाले चुड़ैल के आतंक से बुरी तरह डरे हुए हैं। चुड़ैल की नीली आंखें अब गांव के हर कोने में घूर रही थीं, और उसकी अलौकिक शक्तियां गांव की हर आत्मा को अपनी गिरफ्त में ले रही थीं। लेकिन गांव का एक युवक, अजय, अब भी चुड़ैल से लड़ने की कोशिश कर रहा है। गुफा में छिपे हुए अजय को चुड़ैल ने पकड़ लिया है, और वह उसे अपनी कैद में रखने के लिए पूरी शक्ति का उपयोग कर रही है।
चुड़ैल (भयानक हंसी के साथ): “अब तुम्हारा भी अंत आ गया है। तुम मेरी कैद से बच नहीं सकते।”
अजय (हिम्मत जुटाते हुए): “मैं तुम्हें रोकूंगा, चाहे जो भी हो!”
अजय ने अपनी सारी हिम्मत जुटाकर गुफा में रखे उस यंत्र की ओर देखा, जिससे चुड़ैल की ताकत जुड़ी हुई थी। वह जानता था कि अगर उसने उस यंत्र को नष्ट कर दिया, तो चुड़ैल की शक्ति भी खत्म हो जाएगी। लेकिन चुड़ैल उसकी हर हरकत पर नजर रखे हुए थी।
चुड़ैल: “तुम्हें लगता है कि तुम मुझे हरा सकते हो? यह सिर्फ तुम्हारा भ्रम है।”
चुड़ैल ने अपनी नीली आंखों से अजय पर हमला किया, लेकिन अजय ने किसी तरह से खुद को बचा लिया। उसने यंत्र की ओर तेजी से बढ़ने की कोशिश की, लेकिन चुड़ैल ने उसे हवा में उठा लिया और दीवार पर पटक दिया। अजय का शरीर दर्द से कराह उठा, लेकिन उसने हार मानने से इनकार कर दिया।
अजय (दर्द से कराहते हुए): “तुम्हारी शक्ति इस यंत्र से जुड़ी है। अगर मैंने इसे नष्ट कर दिया, तो तुम कुछ नहीं कर पाओगी!”
चुड़ैल (गुस्से से चिल्लाते हुए): “मैं तुम्हें ऐसा करने नहीं दूंगी!”
चुड़ैल ने अपनी पूरी शक्ति से अजय को रोकने की कोशिश की, लेकिन अजय ने आखिरी जोर लगाकर यंत्र को पकड़ लिया। उसने अपने पास रखे पत्थर से यंत्र को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन यंत्र बहुत मजबूत था। तभी, चुड़ैल ने अपने जादू से यंत्र के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बना दिया।
चुड़ैल: “तुम मेरे यंत्र को नष्ट नहीं कर सकते। यह मेरी शक्ति का स्रोत है, और इसके बिना मैं कुछ भी नहीं।”
अजय: “तुम्हारी शक्ति चाहे जितनी भी बड़ी हो, मैं इसे खत्म करने की कोशिश करूंगा!”
अजय ने अपनी सारी ताकत लगाकर यंत्र को तोड़ने की कोशिश की, और आखिरकार वह इसमें सफल हो गया। यंत्र के टूटते ही, चुड़ैल की शक्ति धीरे-धीरे कमजोर होने लगी। उसकी नीली आंखों की रोशनी मंद पड़ने लगी, और उसकी भयानक हंसी अब दर्द में बदल गई।
चुड़ैल (दर्द से चिल्लाते हुए): “नहीं… यह नहीं हो सकता! मैं तुम्हें छोड़ूंगी नहीं!”
लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी। यंत्र के टूटते ही चुड़ैल की शक्ति खत्म हो गई और उसका शरीर धुंध में बदलने लगा। उसकी चीखें गुफा के अंदर गूंजने लगीं, और अजय ने देखा कि चुड़ैल अब गायब हो रही है।
अजय (हिम्मत के साथ): “यह तुम्हारा अंत है! अब यह गांव सुरक्षित रहेगा!”
चुड़ैल पूरी तरह से गायब हो गई और गुफा में शांति छा गई। अजय ने राहत की सांस ली, लेकिन उसके दिल में अब भी डर था कि चुड़ैल कभी वापस न आ जाए।
गांव में भी सब कुछ सामान्य होने लगा। लोग अपनी-अपनी जिंदगी में लौट आए, लेकिन उस बस और चुड़ैल की कहानी हमेशा के लिए गांव की यादों में रह गई।
अजय ने चुड़ैल को तो खत्म कर दिया, लेकिन क्या यह सच में उसका अंत था? क्या चुड़ैल की आत्मा अब भी कहीं छिपी हुई है, जो किसी दिन फिर से गांव पर हमला कर सकती है? यह रहस्य अब भी बना हुआ है, और अजय के मन में इस सवाल का जवाब ढूंढने की चाह अब भी बाकी है।
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