Published on: October 4, 2024
गांव की रहस्यमय घटनाएं
रत्नपुर गांव अपनी शांति और खूबसूरती के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यहां अजीब घटनाएं घट रही थीं। गांव के बीचों-बीच एक पुरानी पानी की टंकी थी, जिसे गांव वाले सालों से इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन अब इस टंकी से पानी लेने वाले लोग रहस्यमय तरीके से गायब हो रहे थे।
गांव के लोग डर के मारे इस टंकी से दूर रहने लगे थे। रात के समय, टंकी के आसपास अजीब आवाजें सुनाई देती थीं, जैसे कोई पानी के लिए पुकार रहा हो। गांव के बुजुर्गों का मानना था कि यह टंकी अब शापित हो चुकी है।
बुजुर्ग ग्रामीण: “यह टंकी अब भूतिया हो चुकी है। जो भी यहां से पानी लेने जाता है, वह वापस नहीं आता।”
चुड़ैल की पहली झलक
एक दिन, गांव के एक साहसी युवक, रोहित, ने अपने दोस्त रमन को इन कहानियों के बारे में बताया। रमन को यकीन नहीं हुआ और उसने सोचा कि यह सब बकवास है। उसने तय किया कि वह इस टंकी से पानी लेकर आएगा और यह साबित करेगा कि यह सब झूठ है।
रमन अपने कुछ दोस्तों – सीमा, अंशु, और नेहा – के साथ पानी की टंकी की ओर बढ़ा। जैसे ही वे टंकी के पास पहुंचे, उन्हें एक अजीब सी ठंडक महसूस हुई। टंकी के आसपास का माहौल बेहद डरावना था, जैसे कोई अदृश्य ताकत उन्हें घूर रही हो।
नेहा: “यहां कुछ तो गड़बड़ है। मुझे यह जगह बिल्कुल भी सही नहीं लग रही।”
जैसे ही रमन ने टंकी में बाल्टी डाली, एक ठंडी हवा का झोंका आया और अचानक उन्हें एक धीमी, भयानक आवाज़ सुनाई दी।
चुड़ैल (धीमी और खौफनाक आवाज़ में): “तुम लोग यहां क्यों आए हो? क्या तुम नहीं जानते कि यह जगह शापित है?”
चारों दोस्त चौंक गए और एक-दूसरे की तरफ देखने लगे। वे इस आवाज़ की दिशा का पता लगाने की कोशिश करने लगे, लेकिन वहां कोई दिखाई नहीं दे रहा था।
रमन: “यह किसकी आवाज़ थी? क्या तुमने सुना?”
सीमा (कांपते हुए): “हां, मैंने सुना। यह आवाज़ टंकी से आ रही थी!”
चुड़ैल की चेतावनी
रमन ने अपने डर को नजरअंदाज करते हुए बाल्टी को पानी में डुबो दिया। जैसे ही उसने बाल्टी को उठाया, टंकी के पानी में हलचल हुई, और फिर वही आवाज़ गूंजी।
चुड़ैल: “तुम लोग इस पानी को नहीं ले सकते। यहां से चले जाओ, वरना तुम्हारी जान को खतरा है।”
अंशु: “यह कोई मजाक नहीं हो सकता! हमें यहां से चलना चाहिए।”
लेकिन रमन ने कहा, “यह सिर्फ हमारा भ्रम है। हम सब ठीक हैं।”
चुड़ैल की आवाज़ और तेज हो गई, “मैंने कहा, यहां से चले जाओ! तुम लोग मेरी मृत्यु की जगह पर खड़े हो।”
अचानक, टंकी से पानी की एक लहर उभरी और रमन के हाथ से बाल्टी गिर गई। पानी में उभरती हुई छाया ने चारों दोस्तों के रोंगटे खड़े कर दिए। वह छाया धीरे-धीरे एक औरत की आकृति में बदलने लगी, जिसके बाल बिखरे हुए थे और आँखें लाल जल रही थीं।
चुड़ैल (अब प्रकट होकर): “तुम सब यहां से चले जाओ, नहीं तो तुम्हें भी मेरे जैसा ही अंजाम भुगतना पड़ेगा!”
चुड़ैल का रहस्य
चुड़ैल की भयानक उपस्थिति ने चारों दोस्तों को स्तब्ध कर दिया। वे डर के मारे पीछे हट गए, लेकिन चुड़ैल ने अपने जादू से उन्हें जकड़ लिया।
नेहा (कांपते हुए): “यह… यह क्या हो रहा है? वह कौन है?”
चुड़ैल: “मैं इस टंकी की रक्षक हूं, जहां मेरी आत्मा फंसी हुई है। तुम सब यहां से बचकर नहीं जा सकते।”
रमन ने अपनी हिम्मत जुटाकर कहा, “हम यहां से चले जाएंगे, हमें छोड़ दो!”
चुड़ैल (हंसते हुए): “अब बहुत देर हो चुकी है। अब तुम सब मेरे साथ रहोगे।”
चुड़ैल ने अचानक से हवा में अपने हाथ उठाए और चारों दोस्तों को चारों ओर से घेर लिया। टंकी के चारों ओर की हवा भारी हो गई और उसमें से भयानक चीखें गूंजने लगीं।
चुड़ैल: “यह मेरी जगह है, और तुम सब यहां से कभी बाहर नहीं जा पाओगे।”
चुड़ैल का इतिहास
रमन ने चुड़ैल से सवाल किया, “तुम कौन हो और हमें क्यों फंसा रही हो?”
चुड़ैल ने गुस्से से कहा, “मैं राधिका हूं। इस गांव के लोगों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए और मुझे इस टंकी में डूबा दिया। अब मेरी आत्मा यहां फंसी हुई है और जो भी इस पानी का इस्तेमाल करता है, मैं उसे भी अपने साथ खींच लेती हूं।”
सीमा (डरी हुई): “यह सब बहुत भयानक है। हमें क्या करना चाहिए?”
चुड़ैल ने हंसते हुए कहा, “तुम लोग अब कुछ नहीं कर सकते। यह टंकी मेरी है और जो भी इसे छूता है, वह मेरी मौत का शिकार बन जाता है।”
अंशु ने घबराते हुए कहा, “हमें यहां से निकलने का कोई रास्ता ढूंढ़ना होगा।”
लेकिन चुड़ैल ने उन्हें और भी ज्यादा डरा दिया, “कोई रास्ता नहीं है। अब तुम सब मेरे साथ रहोगे, हमेशा के लिए।”
चुड़ैल का खेल
चुड़ैल ने अपने खेल को और भी ज्यादा खतरनाक बना दिया। उसने टंकी के चारों ओर एक जादुई घेरा बना दिया, जिससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था।
अंशु: “यह जादुई घेरा हमें यहां फंसा देगा! हमें कुछ करना होगा!”
चुड़ैल ने हंसते हुए कहा, “तुम लोग मेरे जाल में फंस चुके हो। अब कोई भी तुम्हें नहीं बचा सकता।”
रमन ने देखा कि टंकी का पानी धीरे-धीरे खून में बदल रहा है और टंकी के चारों ओर से अजीब-अजीब आवाजें आ रही हैं।
रमन: “हमें कुछ करना होगा। वरना हम सब मर जाएंगे!”
लेकिन चुड़ैल ने उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया।
चुड़ैल: “तुम लोग मेरे साथ फंसे हो। इस टंकी का पानी अब तुम्हें कभी नहीं छोड़ेगा।”
चुड़ैल का आतंक बढ़ता है
चुड़ैल ने अपना आतंक और भी बढ़ा दिया। उसने टंकी के पानी को इतना उबालना शुरू कर दिया कि वह गर्म लावे की तरह दिखने लगा।
नेहा: “यह पानी… यह अब उबल रहा है! हमें कुछ करना होगा!”
चुड़ैल ने अपनी भयानक हंसी के साथ कहा, “तुम लोग यहां से नहीं निकल सकते। यह टंकी अब तुम्हारा अंत है।”
रमन ने एक आखिरी कोशिश की, “हमें बताओ, हम तुम्हारी आत्मा को शांति कैसे दिला सकते हैं?”
चुड़ैल ने एक पल के लिए सोचा और फिर कहा, “अगर तुम मेरी आत्मा को शांति दिलाना चाहते हो, तो तुम्हें उस व्यक्ति का पता लगाना होगा, जिसने मुझे मारा था। उसका नाम लेकर उसे इस टंकी में बुलाओ और तभी मैं शांति से यहां से जा सकूंगी।”
चुड़ैल का अंतिम निर्णय
चारों दोस्तों ने उस व्यक्ति का पता लगाने का फैसला किया, जिसने राधिका को मारा था। उन्होंने गांव के बुजुर्गों से बात की और आखिरकार उस व्यक्ति का नाम पता लगाया।
रमन: “हम जानते हैं कि तुम्हें किसने मारा था। अब तुम्हारी आत्मा को शांति मिलेगी।”
चुड़ैल ने कहा, “अगर तुम उसे इस टंकी में बुला सकते हो, तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगी।”
चारों दोस्तों ने चुड़ैल के बताए अनुसार उस व्यक्ति का नाम लेकर उसे बुलाया। जैसे ही नाम पुकारा गया, टंकी का पानी फिर से उबलने लगा और चुड़ैल की आत्मा उस व्यक्ति के पास पहुंच गई।
चुड़ैल (शांति की आवाज में): “अब मैं जा रही हूं। तुम्हारे प्रयास से मुझे शांति मिल गई।”
गांव की शांति
चुड़ैल की आत्मा के शांति में चले जाने के बाद, टंकी की सारी भूतिया घटनाएं बंद हो गईं। गांव में फिर से शांति लौट आई और लोग टंकी का इस्तेमाल करने लगे।
बुजुर्ग: “तुम लोगों ने इस गांव को एक भयानक शाप से बचा लिया।”
चारों दोस्तों ने राहत की सांस ली और उन्होंने महसूस किया कि उन्होंने एक बड़ी भूतिया समस्या का समाधान कर दिया है।
रमन: “यह एक खौफनाक अनुभव था, लेकिन हम सबने मिलकर इसे झेला। अब इस टंकी से किसी को डरने की जरूरत नहीं है।”
पुनः लौट आई दहशत
रात बीत गई और दिन निकल आया, लेकिन चारों दोस्तों के मन में डर का साया छाया रहा। हालांकि चुड़ैल की आत्मा को शांति मिल गई थी, पर उन्होंने जो देखा और झेला, उसे भूलना असंभव था। वे इस भ्रम में थे कि सब कुछ समाप्त हो गया है, लेकिन सच तो यह था कि यह टंकी अब भी अपनी पुरानी आदतों पर लौट रही थी।
एक हफ्ते बाद, गांव के एक अन्य युवक ने उसी टंकी से पानी लेने का साहस किया। जैसे ही उसने बाल्टी को पानी में डुबोया, एक जोरदार चीख सुनाई दी और पानी में से वही भयानक छाया उभर आई।
चुड़ैल (भयानक आवाज़ में): “मैं वापस आ गई हूं! कोई भी इस टंकी से पानी नहीं ले सकता!”
युवक की चीखें गांव में गूंजने लगीं, लेकिन जब गांववाले पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चुड़ैल की आत्मा फिर से सक्रिय हो गई थी, और उसने इस युवक को अपने जाल में फंसा लिया था।
भूतिया टंकी का अंत
गांववाले अब पूरी तरह से भयभीत हो गए थे। उन्होंने महसूस किया कि इस टंकी से छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका था इसे हमेशा के लिए बंद करना।
बुजुर्ग: “यह टंकी अब किसी काम की नहीं है। हमें इसे मिट्टी से भरकर बंद कर देना चाहिए, ताकि कोई भी इसे फिर से न छू सके।”
गांववालों ने मिलकर टंकी को मिट्टी से भर दिया और उसके ऊपर एक बड़ा पत्थर रख दिया, ताकि कोई भी इसे फिर से खोल न सके।
रमन: “अब इस टंकी से कोई खतरा नहीं है। हम सभी को इससे दूर रहना होगा।”
भाग 12: चुड़ैल का अंत
टंकी को बंद करने के बाद, गांव में शांति लौट आई। लेकिन कुछ लोगों का मानना था कि चुड़ैल की आत्मा अभी भी कहीं न कहीं भटक रही थी, और वह किसी न किसी दिन फिर से वापस आ सकती है।
गांववाले इस घटना को कभी नहीं भूले और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी इस टंकी के पास न जाए। टंकी अब भी गांव के बीचोंबीच खड़ी थी, लेकिन अब वह मिट्टी और पत्थरों से भरी हुई थी, और गांववाले इसके पास जाने से डरते थे।
बुजुर्ग: “यह टंकी अब शापित नहीं है, लेकिन हमें इसे कभी नहीं छेड़ना चाहिए।”
चुड़ैल की कहानी गांव में एक डरावनी कहानी के रूप में जानी गई, और लोग अब भी रात में टंकी के पास से गुजरते हुए डरते थे।
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